क्या बैंक मैं आपकी धन राशि सुरक्षित है ?

साल 2014 के बाद बैंकिंग सेक्टर में मोदी सरकार ने जान फूंक दी। सबका साथ सबका विकास के साथ मोदी सरकार ने सभी लोगों को बैंको से जोड़ने की कोशिश की। इसके लिए लिए सरकार ने जन धन अकाउंट का सहारा लिया। यानी जिन लोगों का कभी अकाउंट भी नहीं खुला था, उनके अकाउंट भी खुल गए।

इसके बाद बैंकों से पैसा लेकर भागने वालों के नाम आना शुरु हो गए। इससे बैंकों की आर्थिक हालत खस्ता हो गई। कई ऐसे बैंक हैं जिनकी आर्थिक सेहत बिल्कुल डावांडोल चल रही है।  अगर बैंक डूब गया या किसी घोटाले का शिकार हो गया। तो क्या बैंक में जमा रकम आपको मिलेगी या फिर वो भी डूब जाएगी। इस बारे में जानने के लिए हम आपको बताते हैं कि बैंक में जमा आपकी धन राशि कितनी सुरक्षित है।

कितनी रकम है सुरक्षित

जब भी आप किसी बैंक में अकाउंट ओपन कराते हैं तो इसमें हर एक अकाउंट होल्डर के नाम से बैंक को एक एक लाख रुपये का इंश्योरेंस लेना होता है। वो बैंक कोई भी हो सकते हैं। उसमें सरकारी, प्राइवेट, कॉपरेटिव, विदेशी बैंक सभी शामिल होते हैं। इनमें जमा पैसे पर सिक्योरिटी डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DISGC) की तरफ से मुहैया कराई जाती है। इसके लिए बैंक प्रीमियम भरते हैं। आपके बैंक अकाउंट में चाहे जितनी रकम जमा हो। गारंटी सिर्फ 1 लाख रुपये तक की ही होती है। इस 1 लाख रुपये में सभी प्रकार के ब्याज भी शामिल है। इतना ही नहीं अगर आपके किसी बैंक में एक से अधिक अकाउंट हैं, या FD है। और बैंक किसी घोटाले का शिकार हो गया या बैंक बंद हो गया तो भी आपको 1 लाख रुपये ही मिलेंगे। 

सावधानियां

कई बार कॉपरेटिव बैंक बेहतर इंट्रेस्ट देते हैं। ऐसे में ग्राहक अन्य बैंकों को छोड़कर कॉपरेटिव बैंक में आ जाते हैं। ऐसे में जब भी आप किसी कॉपरेटिव बैंक की तरफ जाएं तो उस बैंक की पूरी पड़ताल कर लें। साथ ही ये भी पूछ लें कि आप अन्य बैंकों की अपेक्षा अधिक इंट्रेस्ट कैसे और क्यों दे रहे हैं। आपके लिए बेहतर यही है कि जब कोई अकाउंट खुलवाएं तो सरकारी बैंकों में ही खुलवाएं। सरकारी बैंकों में जोखिम कम रहता है। बैंको को घाटे में रहने पर उनका विलय भी किया जा सकता है।  

अगर कोई बैंक लगातार घाटे में चल रहा है। कोई किसी दूसरे बैंक में उसका विलय नहीं हो रहा या उसे कोई अधिग्रहण नहीं कर रहा है तो RBI के नियमों के मुताबिक केंद्रीय बैंक उसे पूरी तरह से बंद करने की मंजूरी देता है। इसके बाद बैंक की जो भी चल अलच संपत्ति होती है। उसे बेचकर बैंक अपने ग्राहकों को एक रेशियों के मुताबिक पैसे लौटाते हैं। अगर इसमें प्राथमिकता वाले लोग अधिक हैं तो पहले उनको पैसे दिए जाएंगे इसके बाद आपको आपके डिपॉजिट का कुछ हिस्सा मिल सकता है।