अपने बच्चों का भविष्य करें सुरक्षित, जानिए बेहतर Child Plans


एक माता-पिता के रूप में ऐसी क्या चीज है जो आप सोचते हैं कि आपको पहले से पता होनी चाहिए थी? और वह है निवेश और इसके लिए बेहतर Child Plans का चुनाव भी जरूरी है। कई लोगों को यह लगता है कि अच्छा होता अगर उन्हें पहले से यह पता होता और बेहतर  Child Plans में निवेश समय पर शुरू कर दिया होता तो वे अपने बच्चे के उच्च अध्ययन और अन्य इच्छाओं का खयाल रख पाते।  

जीवन
के नियमित खर्चो के अलावा अधिकतर शहरी मध्यम-वर्गीय परिवारों के लिए, जिनके बच्चे भी होते हैं, शिक्षा का खर्च सबसे बड़ा होता है। ऐसे में अपने बच्चे की पढ़ाई के लिए योजना बनाने के लिए कभी भी ना सोचें कि अभी तो काफी वक्त है। हो सकता है कि आपका बच्चा उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाना चाहेगा या फिर भारत के किसी बड़े शिक्षा संस्थान में दाखिला लेना चाहेगा। उसकी पसंद चाहे जो भी हो, आपको शिक्षा के खर्च का बंदोबस्त हमेशा तैयार रखना होगा। 

इस स्थिति में सबसे बड़ी चुनौती उच्च शिक्षा के खर्च के रूप में पेश सकती है, जो कि आमतौर पर पोस्ट ग्रेजुएट या मास्टर्स की पढ़ाई के लिए होगी। भले ही कई माता-पिता जानते होंगे कि बच्चे की शिक्षा के लिए बड़ी राशि जमा करनी पड़ेगी, लेकिन अधिकांश अभिभावकों के लिए इस शिक्षा खर्च का अनुमान लगाना मुश्किल होता है।

इसे एक उदाहरण के जरिये समझते हैं। मान लें कि आपका बच्चा आज से 15 साल बाद आईआईएम जैसे एक प्रमुख शिक्षा संस्थान से मैनेजमैंट में प्रोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम में एडमिशन लेना चाहेगा, तो आपको उस वक्त 93 लाख रुपये खर्च करने के लिए तैयार रहना होगा। इस कोर्स के लिए मौजूदा खर्च 23 लाख रुपये है। 

आप बच्चे के जन्म के 60 से 90 दिनों के अंदर ही निवेश शुरू करें, ताकि आसानी से एक बड़ी राशि इकट्ठा हो सके। देर करने से जीवन में आगे चलकर यह राशि जुटाना संभव नहीं होगा। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के अनुसार, निवेश में होने वाले चक्रवृद्धि प्रभाव लंबी अवधि तक निवेश करने से मिलता है, जिससे आपका निवेश कई गुना बढ़ता है। 


आप यूनिक लिंक्ड Child Plans में निवेश से शुरूआत कर सकते हैं और मैच्युरिटी से पहले पॉलिसी का जोखिम घटाने के लिए उसे सुरक्षित फंड्स में शिफ्ट कर दें। यूलिप आधारित Child Plans का सबसे बड़ा फायदा यह है कि बच्चे के अभिभावक की अचानक मृत्यु होने पर इनके साथ प्रीमियम वेवर राइडर होता है और इसके बाद के सभी प्रीमियम या तो माफ कर दिए जाते हैं या फिर बीमा कंपनी खुद इसका भुगतान करती है।