अब फाइनेंशियल प्लानिंग से होगी महंगाई से लड़ने में मदद !

महंगाई एवं ब्याज दर से आम आदमी के जीवन स्तर पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। ऐसे में महंगाई से जूझ रहे आम आदमी के सामने अपनी वर्तमान जरूरतों एवं भविष्य के लिए बचत करने के बीच सामंजस्य बैठाना एक बड़ी चुनौती हो गई है।  

क्या है फाइनेंशियल प्लानिंग : आज 'फाइनेंशियल प्लानिंग' शब्द का प्रयोग महज एक फैशन बनकर रह गया है। इंश्योरेंस, म्युच्युअल फंड से लेकर समस्त वित्तीय कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स को बेचने के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग शब्द का गलत इस्तेमाल कर रही हैं। 


फाइनेंशियल प्लानिंग के बारे में काफी भ्रांतियां हैं। कुछ लोग इसे महज टैक्स प्लानिंग समझते हैं, कुछ निवेश प्लानिंग, कुछ लोगों का मानना हैं कि फाइनेंशियल प्लानिंग केवल धनवान व्यक्तियों के लिए ही है एवं कुछ लोग मानते हैं कि फाइनेंशियल प्लानिंग केवल नौकरीपेशा लोगों के लिए होती है व्यवसायियों के लिए नहीं।



फाइनेंशियल प्लानिंग तैयार करने के लिए आवश्यक वित्तीय निर्णयों को न केवल लघु अवधि बल्कि दीर्घ अवधि के परिणामों का आकलन करके कॉस्ट इफेक्टिव विकल्प चुना जाता है। फाइनेंशियल प्लानिंग हर उन व्यक्तियों के लिए आवश्यक है, जो अपने जीवन के लक्ष्य को पाना चाहते हैं। फाइनेंशियल प्लानिंग से न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य की भी वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सकती है।




महंगाई का सामना करने में कैसे मददगार है फाइनेंशियल प्लानिंग : वैसे तो फाइनेंशियल प्लानिंग बहुत ही व्यापक विषय है एवं यह पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी सभी समस्याओं के निदान में मददगार है परंतु यहाँ हम उन्हीं पहलुओं पर प्रकाश डाल रहे हैं जो महँगाई से संबंधित है। फाइनेंशियल प्लानिंग निम्न प्रकार से महँगाई का सामना करने में मददगार है- 

अनावश्यक खर्चों पर लगाम 

लोन एवं ब्याज के भार को कम करने में सहायक 

टैक्स बचत में सहायक 

निवेश पर अधिक रिटर्न 

इमरजेंसी फंड का प्रबंधन 

कॉस्ट इफेक्टिव विकल्प 

यदि आप अपने सार्थक प्रयासों से महँगाई का सामना करना चाहते हैं तो आज ही अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए पहल करें। यदि आप स्वयं अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग करने में सक्षम नहीं हैं तो आप सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर (सीएफपी) की मदद भी ले सकते हैं।

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